विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग 17 नई पहल शुरू करने जा रहा है, जिसकी शुरुआत बिहार से होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि इस बार सभी मतदान केंद्रों पर लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, ईवीएम और वीवीपैट में अंतर पाए जाने पर तुरंत वीवीपैट की गिनती की जाएगी।
मतदान प्रतिशत की जानकारी अब डिजिटल इंडेक्स कार्ड के जरिए मिलेगी, और मतदाताओं को 15 दिनों के भीतर ई-ईपिक कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा।
निर्वाचन आयोग आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में 17 नई पहलें लागू करने की तैयारी में है। इन नवाचारों की शुरुआत बिहार से होगी और बाद में पूरे देश में इन्हें लागू किया जाएगा।
लाइव वेबकास्टिंग और वीवीपैट गिनती:
बिहार के सभी 90,000 से अधिक बूथों पर पहली बार 100% लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है। मतदान के बाद पोलिंग एजेंट को दिए गए फार्म 17सी में अगर ईवीएम की काउंटिंग यूनिट में कोई अंतर पाया जाता है, तो वीवीपैट की गिनती भी की जाएगी।
इसके अलावा, डाक मतपत्र की गिनती ईवीएम के आखिरी दो राउंड से पहले पूरी करना अनिवार्य होगा।
डिजिटल सुविधा और ई-ईपिक कार्ड:
मतदाता अब डिजिटल इंडेक्स कार्ड के जरिए कुछ ही दिनों में वोटिंग परिणाम देख सकेंगे। साथ ही, सभी मतदाताओं को 15 दिनों के भीतर नया ई-ईपिक कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा।
वन स्टाप डिजिटल प्लेटफार्म और बूथ गठन:
निर्वाचन आयोग ने विभिन्न सेवाओं के लिए “वन स्टाप डिजिटल प्लेटफार्म – ECI Net” तैयार किया है, जिसका प्रोग्रेसिव इंप्लीमेंटेशन जारी है। बिहार में प्रत्येक बूथ पर 1200 मतदाताओं का गठन किया गया है, और इसे बाद में पूरे देश में लागू किया जाएगा।
पोलिंग स्टेशन और बैलेट पेपर:
सभी उम्मीदवारों को पोलिंग बूथ से 100 मीटर की दूरी पर पोलिंग स्टेशन लगाने की अनुमति दी गई है।
पहली बार ईवीएम बैलेट पेपर पर प्रत्याशियों की फोटो रंगीन और सीरियल नंबर बड़े फॉन्ट में दर्शाए जाएंगे।
सीईसी ने सभी संभावित प्रत्याशियों से अपील की है कि वे अपने पोलिंग एजेंटों की नियुक्ति सुनिश्चित करें और उन्हें मतदान शुरू होने से पहले बूथ तक भेजें। मतदान के दौरान मॉक पोलिंग अपने सामने देखें और मतदान समाप्त होने के बाद पीठासीन अधिकारी से फार्म 17सी प्राप्त करें।
मोहनपुर में पारदर्शी जांच:
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मुजफ्फरपुर जिले के मोहनपुर गांव में बिना अल्पसंख्यक मतदाताओं के 100 मतदाता बनाने की पारदर्शी जांच की जिम्मेदारी मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल को दी। उन्होंने यह निर्देश दिया कि यह जांच नामांकन से 10 दिन पहले सुनिश्चित की जाए।